राजस्थान के जैसलमेर आने वाले टूरिस्ट अब भारत-पाक बॉर्डर को करीब से देख सकेंगे। बीएसएफ वाघा-अटारी बॉर्डर को एक आकर्षक स्पॉट बनाने के लिए तनोट माता मंदिर के पास बॉर्डर टूरिज्म मॉडल पर काम कर रहा है। यह अनोखी पहल अगले महीने बबलिया पोस्ट में बीटिंग रिट्रीट समारोह के रूप में शुरू होगी और जल्द ही बीकानेर के सांचू और खाजूवाला बॉर्डर पोस्ट्स तक इसका विस्तार किया जाएगा।
बीएसएफ के आईजी (राजस्थान फ्रंटियर) पंकज गूमर ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक की इच्छा होती है कि वह इंटरनैशनल बॉर्डर को देखे। उन्होंने कहा, ‘जनता की इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए, बीएसएफ बॉर्डर पोस्ट्स पर टूरिज्म बढ़ाने के मॉडल पर काम कर रहा है।’ गूमर ने कहा, ‘इसके लिए बबलियां पोस्ट पर 2,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता वाला एक स्टेडियम पहले ही बनाया जा चुका है। शुरुआत में हम अगले महीने से अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’
देशभक्ति की भावना भी होगी पैदा
बीएसएफ की ओर से यह पहल राज्य सरकार के सहयोग से शुरू की गई है। वाघा-अटारी, भारत-पाक बॉर्डर पर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ देश के लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करना भी इस पहल का उद्देश्य है। आपको बता दें कि तनोट माता मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक और भक्त आते हैं और उनमें से लगभग सभी भारत-पाक सीमा पर जाने की इच्छा रखते हैं, जो मंदिर से लगभग 20 किमी दूर है। लेकिन इजाजत न होने की वजह से उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पाती।