रीट पेपर लीक मामले में हो रहे रोज नए खुलासों के बीच एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। परीक्षा से एक दिन पहले करीब सवा दो करोड़ रुपये में रीट का पेपर खरीदने वाला राजस्थान के जालोर जिले का निवासी उदाराम विश्नोई का परिवार बीपीएल है। हालांकि उदाराम के परिवार का कहना है कि उन्हें ना तो पेपर लीक के बारे में कोई जानकारी है और ना ही विश्नोई की गिरफ्तारी को लेकर कोई जानकारी है। एसओजी ने गुरुवार देर रात को उदाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि रीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसओजी ने गुरुवार को यह खुलासा किया था कि रीट का पेपर परीक्षा से एक दिन पहले ही लीक हो गया था। इतना ही नहीं, एसओजी ने यह भी दावा किया कि पेपर शिक्षा संकुल के स्ट्रांगरूम सें ही चोरी हुआ था। इस मामले में एसओजी मास्टरमाइंड और शिक्षा संकुल से पेपर लीक करने वाले मुख्य आरोपी एक निजी कॉलेज संचालक रामकृपाल मीणा को गिरफतार कर चुकी है।
उदाराम का परिवार है बीपीएल
मामले का चौंकाने वाला पहलू यह है कि सवा दो करोड़ में पेपर खरीदने वाले उदाराम विश्नोई का परिवार बीपीएल है यानि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता है। उसके पिता और भाई गांव में खेती करके अपना गुजारा करते हैं। गांव में उदाराम के घर के बाहर बीपीएल का टैग लगा हुआ है। हालांकि उदाराम सरकारी शिक्षक है और अपने परिवार से अलग जालोर के सांचैर में अपनी पत्नी के साथ रहता है। जानकारी के मुताबिक, उदाराम विश्रोई रीट 2015 की परीक्षा के दौरान भी पकड़ा गया था और सस्पेंड हुआ था। कई अन्य मामलों में भी उदाराम जेल जा चुका है।
दोस्त से पूछताछ में हुआ खुलासा
रीट पेपर लीक मामले में एसओजी ने जालोर के ही भजनलाल विश्नोई को गिरफ्तार किया था। भजनलाल उदाराम के पड़ोसी गांव का है और उसका परिचित भी है। एसओजी को भजनलाल ने ही उदाराम के बारे में बताया। भजनालाल के मुताबिक उदाराम ने परीक्षा के दिन ही उसे पेपर भेज दिया था। भजनलाल से पूछताछ के आधार पर एसओजी ने गुरुवार देर रात उदाराम विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया।
पांच करोड़ में आगे बेचना था पेपर
एसओजी की जांच में सामने आया कि उदाराम ने सवा दो करोड़ में पेपर खरीदने के बाद पांच करोड़ कमाने की योजना बना रखी थी। इतना ही नहीं, वह करीब सवा करोड़ रुपये वसूल भी चुका था।